विदर्भ ने लगातार दूसरी बार जीता रणजी ट्रॉफी

नागपुर। विदर्भ को सौराष्ट्र के खिलाफ खिताब बरकरार रखने के लिये पांचवें और आखिरी दिन पांच विकेट की जरूरत थी। दूसरी ओर जीत के लिए 206 रन के लक्ष्य का पीछा कर रही सौराष्ट्र टीम को 148 रन और चाहिये थे। इस तरह विदर्भ ने सौराष्ट्र को फाइनल में 78 रन से हराकर लगातार दूसरी बार रणजी ट्रॉफी खिताब जीत लिया।
हम आपको बता दे कि आखिरी दिन दो सत्र बाकी रहे विदर्भ के गेंदबाजों ने सौराष्ट्र को 127 रन पर आउट कर दिया। विश्वराज जडेजा (52) और कमलेश मकवाना (14) ने पहले घंटे संभलकर बल्लेबाजी की लेकिन यह साझेदारी टूट गई और हार का संकट मडराने लगा था।
बाएं हाथ के स्पिनर आदित्य सरवटे को मैन ऑफ द मैच दिया गया उन्होंने आज पांच में से तीन विकेट लिए और मैच में 57 रन देकर 11 विकेट चटकाए जिसमें दूसरी पारी के छह विकेट शामिल विदर्भ टूर्नामेंट के इतिहास की छठी टीम है जिसने खिताब बरकरार रखा है। मुंबई, महाराष्ट्र, कर्नाटक, राजस्थान और दिल्ली ने इससे पहले लगातार दो खिताब जीते हैं। सौराष्ट्र 2012-13 और 2015-16 में भी उपविजेता रहा था।
चेतेश्वर पुजारा का बल्ला न चलना सौराष्ट्र के हारने का मुख्य वजह बना। जबकि दूसरी ओर वसीम जाफर का बल्ला नहीं चलने के बावजूद विदर्भ ने जीत दर्ज की। इससे पहले सौराष्ट्र के लिए मकवाना और विश्वराज ने सरवटे को संभलकर खेला । उमेश यादव और सरवटे को सफलता नहीं मिलते देख विदर्भ ने अक्षर वखारे को गेंद सौंपी सरवटे ने हालांकि मकवाना का विकेट लेकर इस साझेदारी को तोड़ा। दोनों ने छठे विकेट के लिये 33 रन जोड़े थे। वखारे ने नए बल्लेबाज प्रेरक मांकड़ (दो) को आउट करके सौराष्ट्र का स्कोर सात विकेट पर 91 रन कर दिया। विश्वराज ने अपना अर्द्धशतक पूरा किया लेकिन सरवटे ने उन्हें और विरोधी कप्तान जयदेव उनादकट को पैंवेलियन भेजा। वखारे ने जडेजा को सरवटे के हाथों लपकवाकर पारी का अंत किया।