शिवसेना की मुख्यमंत्री पद की मांग के बीच महाराष्ट्र में राष्ट्रपति शासन लगने की उम्मीद

महाराष्ट्र विधानसभा (Maharashtra Assembly) के कार्यकाल का आज आखिरी दिन है लेकिन अब तक सरकार बनाने की हर कोशिश असफल होती नजर आ रही है। अगर सरकार का गठन नहीं हो पाता है तो राज्यपाल (Governor) की भूमिका सबसे महत्वपूर्ण हो जाएगी। ऐसे में राज्यपाल आगे क्या निर्णय लेते हैं, इस पर सबकी नजर रहेगी। अब सवाल यह उठ रहा है कि क्या राज्य के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी (Bhagat Singh Koshyari) के पास राष्ट्रपति शासन (President Rule) ही अंतिम विकल्प है या कोई और रास्ता भी शेष बचा है। इसके साथ ही क्या वे सरकार बनाने की कोशिशों के बीच इंतजार करेंगे या कोई और निर्णय ले सकते हैं? कल बीजेपी नेताओं ने राज्यपाल से मुलाक़ात की थी, लेकिन सरकार बनाने का दावा पेश नहीं किया. इस बीच शिवसेना ने अपने विधायकों को जोड़तोड़ से बचाने के लिए एक होटल में भेज दिया है। ये भी ख़बर आ रही है कि कांग्रेस अपने विधायकों को इकट्ठा कर एक साथ रखने की तैयारी कर रही है।
राज्यपाल चाहें तो लोकप्रिय सरकार के गठन के लिए और समय ले सकते हैं, ऐसे में वो मुख्यमंत्री देवेन्द्र फडणवीस को कार्यवाहक मुख्यमंत्री बनाए रखते हुए नई सरकार के गठन का प्रयास कर सकते हैं। ऐसी स्थिति में कार्यवाहक मुख्यमंत्री के पास प्रशासनिक और वित्तीय अधिकार नहीं होगें। संविधान में विधानसभा का कार्यकाल तो 5 साल तय है लेकिन कार्यवाहक मुख्यमंत्री के रूप में कार्यकाल की कोई सीमा नहीं है। हालांकि राज्यपाल इस विकल्प को चुनें इसकी उम्मीद कम है। राज्यपाल चाहें तो विधानमंडल दल की बैठक बुलाकर सदन का नेता चुनने के लिए कह सकते हैं और जो भी सदन का नेता चुना जाए उसे मुख्यमंत्री पद क शपथ दिला सकते हैं। लेकिन ऐसी सरकार के सामने विश्वास मत का संकट रहेगा. क्योंकि सदन के नेता चुनते समय तो कई विक्लप होगें लेकिन जब बहुमत साबित करने का मौका आएगा तो सिर्फ सरकार के साथ होना, विपक्ष में होना और सदन से वॉकआउट करने जैसे तीन ही विकल्प होंग।
कल शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे ने विधायकों के साथ बैठक की। इसके बाद पार्टी के सभी विधायकों को एक होटल में भेज दिया गया। शिवसेना ने कल कहा था कि भाजपा को एलान करना चाहिए कि वह सरकार बनाने में सक्षम नहीं हैं। इसके बाद हम कदम बढ़ाएंगे। शिवसेना नेता संजय राउत ने भाजपा पर आरोप लगाया था कि वह सरकार गठन में देरी कर राष्ट्रपति शासन थोपने की स्थिति बना रही है। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता कल राज्यपाल से मिलने गए थे लेकिन खाली हाथ लौट आए क्योंकि उनके पास बहुमत का आंकड़ा नहीं है। शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने कल कहा था कि शिवसेना को मुख्यमंत्री पद देना हो तो भाजपा नेता हमें फोन करें अन्यथा नहीं तो जनता के सामने जाकर बताएं कि हम विपक्ष में बैठना चाहते हैं।