जानिए ऐसा क्या कारण रहा कि किम जोंग इतना क्रूर हो गया

उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग की क्रूरता के बारे में आए दिन कोई न कोई खबर सुनने को मिलती है | लेकिन किसी ने आज तक ये जानने की कोशिश नहीं की कि आखिर किम जोंग तानाशाह बना कैसे | ऐसा क्या कारण रहा कि किम जोंग इतना क्रूर हो गया | वॉशिंगटन पोस्ट में प्रकाशित किताब के कुछ अंश में बताया गया है कि उत्तर कोरिया के तानाशह किम जोंग ने कभी भी बाहर की दुनिया नहीं देखी | किम जोंग कभी भी स्कूल में पढ़ने नहीं गया | किम जोंग की जो भी पढ़ाई हुई वह शाही महल के अंदर ही हुई | किम को कोई भी दोस्त बनाने की इजाजत नहीं दी जाती थी | किम जोंग ने 27 साल की उम्र में देश की सत्ता अपने हाथ में ली थी | वैसे तो किम को शासन पुश्तैनी तौर पर मिला था | किताब में बताया गया है कि देश का शासन अपने हाथ में लेने से पहले ही किम जोंग के अंदर तानाशाह जैसे लक्षण देखे जाने लगे थे | किम जोंग उन अपने खानदान के साथ बचपन से ही एक शाही महल में रहता था | किम ने अपना पूरा बचपन एक महल में बिताया था | नौकरों से बात करने का अंदाज ने बचपन में ही उसे तानाशाह बना दिया था |
इस बात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि बचपन में किम की मुलाकात पहली बार जापानी शेफ से हुई तो उसने हाथ मिलाने के बजाए ऐसे घूरा मानों वो दुश्मन देश का है | बचपन से ही किम जोंग को हथियारों का शौक था | किम को बचपन में प्लेन, टॉय शिप और अलग-अलग की बंदूकों और खेलने वाले हथियारों का शौक था | इसे किम की मशीनों के प्रति दीवानगी ही कहेंगे कि वह रात के समय कभी भी उठकर मशीनों के बारे में जानकारी इकट्ठा करने लगता था | आठ साल की उम्र में वह किसी भी मशीन के एक्सपर्ट को बुलाकर उससे जुड़ी सभी जानकारी हासिल करता था | किताब में बताया गया है कि किम जोंग के अलावा कोई भी शाही परिवार में चावल नहीं खाता था | इसके लिए देश के किसी एक इलाके में पैदावार होती थी | चावल की पैदावार के लिए महिला श्रमिकों को लगाया जाता था जो एक ही साइज के चावल चुनकर महल भेजा करती थीं | इस बात का खास ध्यान रखा जाता था कि कोई भी चावल खराब न हो | किम के कपड़े ब्रिटिश फैब्रिक के सिले होते थे और वह इम्पोर्टेड टूथपेस्ट से ब्रश करता था |