आर्य लोग कहते है आर्यो ने भारत की खोज की थी ?

आर्य- लोग कहते है आर्यो ने भारत की खोज की थी तो फिर वासिकोडमा ने क्या खोजा । आर्य यदि बाहर से आये थे तो कब आये थे। ये कंही भी इतिहासकारों ने नही लिखा और किसी ने भी नही लिखा , कँहा से आये थे ये भी नहीं लिखा। कुछ का मत है आर्य ने ही सनातन धर्म का प्रचार प्रसार किया और स्थापना की जबकि सनातन धर्म का कोई अवधि नही है। सिंधु सभ्यता को सबसे आधुनिक कहा गया वो आर्य ने ही बनाई थी ऐसा उनके कार्य करने की शैली कहती है।आर्यो ने मुख्य रूप से वर्ण व्यवस्था, कार्य के आधार पर बनाई थी। आर्य का मतलब था रक्षा और सेवा करना । आर्य वही हो सकता था जो अपने कार्य में पारंगत था। चाहे ज्ञान देने में, भरण पोषण में , रक्षा में, चाहे सेवा में। मगर कालांतर में इसको गलत समझा गया।
कुछ संतो के गलत अर्थ निकालने से इसे मनुवादी व्यवस्था भी कहा गया। जो सच से परे है। आर्य व्यापार में ही नही युद्धकौशल में भी पारंगत थे।आर्य चरम युग द्वापर कहा गया जिसमें बड़े बड़े योद्धा पाये गये। जैसे कर्ण, अर्जुन , दुरियोधन आदि। धीरे धीरे, अधिकांश आर्य खत्म हो गये। आर्य वैदिक थे ऐसा ऋग्वेद कहता है। इसलिये स्वामी दयानंद सरस्वती ने आर्यो को पुनः जीवित किया और विकसित भी क्योकि आर्यो का बेद पर अच्छी पकड़ थी , स्वामी जी भारत वर्ष को वैदिक बनाना चाहते थे। स्वामी जी के जाने के बाद आर्य सभ्यता और धर्म की कमर का टूटने की शुरआत हुई। आर्य , अपने कर्म के लिए हटी हुआ करते थे। ऐसा आचार्य चाणक्य भी मानते थे । आर्य को व्यक्ति नही था, एक सभ्यता थी, एक नियम था जो अब विलुप्त होने के कगार पर है। द्रविण जिन्हें आर्य का शत्रु कहा गया वो आर्य का ही हिस्सा थे जिनकी विचारधारा अलग थी मगर इतिहास में ये लिखा गया कि वो राक्षस प्रवर्ति के थे, जबकि वो ज्ञानी थे।....arya