वॉट्सऐप को टक्कर देने वाली किंभो ऐप होल्ड पर

योग गुरु रामदेव की स्वदेशी मैसेजिंग ऐप ‘Kimbho’ को पिछले साल ऐप स्टोर से हटा दिया गया था | हटाने की वजह यूज़र्स की प्राइवेसी बताई गई थी | पतंजलि आयुर्वेद ने किंभो ऐप को पिछले साल काफी प्रचार-प्रसार के बाद लॉन्च किया था | इसके तहत चैट, मल्टीमीडिया, वायस और वीडियो कालिंग के साथ ही वीडियो कांफ्रेंसिंग की सुविधा देने का वादा किया गया था | इसके बाद एक परीक्षण के लिए इस ऐप को अगस्त में फिर से लाया गया और पतंजलि आयुर्वेद ने वादा किया कि इसका फाइनल वर्जन कुछ दिनों में आ जाएगा, हालांकि यह अब तक नहीं आया | पतंजलि में सूचना प्रौद्योगिकी के प्रमुख एवं सीनियर वाइस प्रेसिडेंट अभिताब सक्सेना ने कहा कि किंभो App को अभी होल्ड पर रखा गया है | बीजीआर पर छपी रिपोर्ट के मुताबिक सक्सेना ने कहा कि ‘अगर इससे जुड़ी कोई खबर आती है तो बाबा रामदेव जी और आचार्य बालकृष्ण जी प्रेस कॉन्फ्रेंस में इसकी घोषणा करेंगे |
फिलहाल किंभो ऐप होल्ड पर है’| उनसे जब पूछा गया कि ऐप की वर्तमान स्थिति क्या है और भविष्य की योजनाएं क्या हैं इस पर सक्सेना ने कहा कि यह 'गोपनीय' है | उन्होंने कहा कि अगर कुछ होता है तो हम इसका अपडेट देंगे | केवल बालकृष्ण जी एप के बारे में साफ तस्वीर रख सकते हैं | पतंजलि आयुर्वेद के प्रवक्ता एस.के. तिजारावाला से जब ऐप की वर्तमान स्थिति के बारे में जानकारी मांगी गई तो उन्होंने इसका कोई जवाब नहीं दिया | क्या पतंजलि पूरी तैयारी के साथ इस ऐप को लांच करने की कोशिश करेगी, यह अभी स्पष्ट नहीं है | लेकिन कंपनी अभी भी आशावान है और इसने ऐप लांच नहीं करने के संबंध में अब तक कोई बयान नहीं दिया है | बता दें कि Kimbho ऐप को पेश करने का उद्देश्य फेसबुक के स्वामित्व वाले वाट्सऐप को टक्कर देना था | किंभो संस्कृत शब्द है, जिसका अर्थ है 'कैसे हैं' या 'नया क्या है' | उपयोगकर्ताओं ने जब सुरक्षा चिंता जैसे सवाल उठाए तो एप को गूगल प्ले स्टोर और एप स्टोर से हटा लिया गया |