चंद्रग्रहण का सूतक,जाने क्या करें और क्या ना करें

16 और 17 जुलाई की आधी रात को सूर्यग्रहण के बाद खंडग्रास चंद्रग्रहण लगने जा रहा है। चंद्रग्रहण आषाढ़ शुक्ल पूर्णिमा को धनु राशि के उत्तर आषाढ़ा नक्षत्र में लग रहा है। यह इस साल का दूसरा चंद्र ग्रहण होगा। चंद्रग्रहण रात 1.31 बजे 4.30 बजे रहेगा। इससे पहले सूतक काल शुरू हो जाएगा। हिंदू धर्म में सूतक काल में कोई भी शुभ कार्य करना वर्जित माना गया है। शास्त्रों में सूतक काल को खराब समय माना गया है। इस समय कोई भी अनहोनी होने की आशंका ज्यादा रहती है। आइए जानते हैं सूतक के दौरान क्या करें और क्या नहीं करना चाहिए…
चंद्रग्रहण की कुल अवधि 2 घंटे 59 मिनट की होगी। भारत के साथ ही यह ग्रहण ऑस्ट्रेलिया, अफ्रीका, एशिया, यूरोप और दक्षिण अमेरिका में भी दिखाई देगा। धर्मशास्त्रों के अनुसार चंद्रग्रहण में सूतक 9 घंटे पहले 16 जुलाई को दिन में 4:30 बजे से लग जाएगा। यह ग्रहण 149 साल बाद माघ पूर्णिमा के अवसर पर लग रहा है। उन्होंने बताया कि इससे पहले साल 1870 में ऐसा दुर्लभ योग देखने को मिला था। इसकी खास बात ये है कि ये चंद्रग्रहण भारत में दिखाई देगा। सूतक काल को खराब समय माना गया है, इस समय प्रकृति ज्यादा संवेदनशील हो जाती है। सूतक काल में भोजन पकाना और खाना नहीं चाहिए। हालांकि गर्भवती महिलाएं, बच्चे, बुजुर्ग, और बीमार व्यक्तियों पर यह नियम लागू नहीं होता। वह दूध, फल, जूस या सात्विक भोजन ले सकते हैं। सूतक काल में गर्भवती महिलाओं को खास ध्यान रखना चाहिए। उन्हें ग्रहण की पूरी अवधि में घर के अंदर ही रहना चाहिए ताकि उन पर ग्रहण की छाया न पड़े। साथ ही चाकू और कैंची के प्रयोग से बचना चाहिए। इस दौरान सिलाई कढ़ाई का काम नहीं करना चाहिए। सूतक के दौरान मंदिरों के पट बंद कर दिए जाते हैं और इसलिए उनकी पूजा-अर्चना नहीं करनी चाहिए। भगवान की मूर्ति को स्पर्श न करें। साथ ही तुलसी के पौधे को स्पर्श नहीं करना चाहिए। सूतक में व्यसन, बुरे काम, बुरे विचार नहीं बोलना चाहिए। इस समय किए गए बुरे कार्य का प्रभाव कई गुना बढ़ जाता है। सूतक काल में ईश्वर का आरधना सर्वोपरि माना गया है। इस दौरान ईश्वर का भजन और धार्मिक पुस्तकें पढ़ें। साथ ही मंत्रों का जप करें। ग्रहण खत्म हो जाने के बाद घर में गंगाजल का छिड़काव करके शुद्धिकरण करें। साथ ही घर में ताजा भोजन पकाएं और फिर ग्रहण करें। सूतक खत्म हो जाने के बाद पीने का पूरा पानी बदल लें और नया भर लें। 17 जुलाई की सुबह को जरूरतमंद व्यक्ति की मदद करना चाहिए, भूखें लोगों को खाना दें। सूतक के बाद पेड़ पौधे जरूर लगना चाहिए। पेड़-पौधे लगाने से गृह-नक्षत्रों का प्रभाव कम होता है।